Tuesday 8 November 2011

कुछ हाइकु


१दीपक छोटा


ललकारे तमस


जीवत बड़ा


२मन में ठौर


वसुधा ही कुटुंब


कुटीर छोटी


सुबह शाम


चिंता भूत -भावी की


आज भी गया!


४मधुर वाणी


प्रस्तर ह्रदय भी


मोम बना दे


भरा बटुआ


पराये भी अपने


जेब कतरे।


पुष्प गुलाब


ख़ुशी गम या प्यार


सबको मिले


कमजोरियाँ


रोकें नहीं मंजिल


साहसी लता










लता वृक्ष




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